शुक्रवार, 5 नवंबर 2010

गंगा

वेदना का लिए प्रवाह ,
हृदय की पीड़ा झरने को आतुर ,
नयनों का मार्ग संजोये ,मुक्ति पाने की तड़फ  ,
लडखडाते क़दमों  को रही संभाल ,
हर ले कोई मर्म शीघ्र  ,दे विषम, विशाल, यातना,  से मुक्ति ,
असह्य वेदना ,का टूटे द्वार  ,
याचक प्रसवा  की गुहार  /
सब व्यर्थ !
माया नहीं साथ  ,पराये होते ज्ञात  /
बंद कपाट ,खुले नहीं द्वार ,
अंदर से आयी आवाज -जा बेलाज !
क्यों किया गर्भ -धारण ?
जब जीना पशुओं  की तरह  /
जा किसी दाई के पास  ,
उठा नहीं सकती दवा ,सल्य चिकत्सा  का खर्च ,
पापणी !तुने किया महा- पाप  /
लाचार भींगी आँखें ,किसे बताये -कौन करेगा ऐतबार ?
टूटती माँ की सांसें  ,बचाने की देकर आस /
इसी प्रवचन-कर्ता  ने लुटी लाज  /
=++++++=
कहा गंगा मैली नहीं होगी !डाक्टर हूँ , सावधान रहता हूँ ,
तुम भी खा लेना गोलियां ,दे दूंगा / जो नहीं मिलीं /
 माँ का आंचल छूट गया /आश्रय था,  अकेली बेटी का /
पांव- भारी, दस्तक देती लाचार  ,
बाबु जी !मैं गंगा ! मैली हो गयी !
उध्हार करो !उपकार करो !ना माँ रही ,ना मान ,
पुनः शरणागत हूँ ,याचना में जीवन नहीं , मुक्ति !
मेरी या तेरे हस्ताक्षर  की  /
सब व्यर्थ ! प्रस्तर  से परावर्तित हो  चली ,अंतहीन डगर ,
गिरी मूर्छित हो पगडण्डी में,  पाई धरा,  का आलिंगन  /
मुक्त हो गयी वेदना ,चेतना ,कटाक्ष संशय से ,
मुक्त हो गया ,सौदाई -गर्भ ,कोख से  /
रात्रि का अंतिम प्रहर,उचरित हो  रहे ,धर्म -वचन --
सर्वे भवन्ति सुखिनः ---------
नवजात का क्रंदन समाप्ति की ओर ,
अग्रसर हिंसक पशुओं का झुण्ड ,क्षुधा  शांति  का प्रयत्न  सफल ,
कहीं कुछ टुटा आवाज  ना आई  /
मानव जीता ! मानवता असफल  /

                       उदय वीर सिंह ,
                        १०/१०/२००९

8 टिप्‍पणियां:

ABHISHEK MISHRA ने कहा…

very nice poem

DIMPLE SHARMA ने कहा…

बहुत सुंदर प्रस्तुति , दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये...
sparkindians.blogspot.com

समयचक्र ने कहा…

shubh deepawali...

ZEAL ने कहा…

सुंदर प्रस्तुति , दीपावली की शुभकामनाये.

Dr.Dayaram Aalok ने कहा…

rachana bahut achhi lagi.dhanyavad.

Patali-The-Village ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति।

संगीता पुरी ने कहा…

इस सुंदर से नए चिट्ठे के साथ हिंदी ब्‍लॉग जगत में आपका स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

Unknown ने कहा…

लेखन अपने आपमें रचनाधर्मिता का परिचायक है. लिखना जारी रखें, बेशक कोई समर्थन करे या नहीं!
बिना आलोचना के भी लिखने का मजा नहीं!

यदि समय हो तो आप निम्न ब्लॉग पर लीक से हटकर एक लेख
"आपने पुलिस के लिए क्या किया है?"
पढ़ सकते है.

http://baasvoice.blogspot.com/
Thanks.