मा-पिता श्री , के समक्ष ,
गंभीर ,वातावरण ,घोर चिंता , का विषय ,
पुत्र -हीन होना /
समाज का प्रतिनिधि ,मुखरित --धारा -प्रवाह - --
पुत्र -रत्न ही वांछित ! कुलदीपक होता है /
कन्या चिराग नहीं बनती /
वांछित हैं ---
संस्कार , निर्देश /
"उरीण " होना होगा ! " पित्री -ऋण "से , नीति ,समर्थित है /
पित्री - ऋण को चुकाना होगा /
एक कुल पीछे एक आगे को सवारना है तो
पुत्र -रत्न पाना होगा /
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यक्ष -प्रश्न , उद्वेलित करते हैं -----
देगा कौन ? अर्थी को स्कंध ?
देगा कौन मुखाग्नि ?
चिता परिहास करेगी /
* कन्यादान होता है !
बेटा - दान नहीं होता /
पुत्र ,सर्वस्वा सदैव संग होता है ,
पिंड -दान करनेवाला /
* कन्या होती है , परायी ----
दौलत ,प्रतिष्ठा ,सम्मान ,खोने का सबब ,
पगड़ी पराये पैरों में , रखने का कारण /
*धवल चादर होती है ,
लगी नहीं दिखती है पहले ,
जाने कब लग जाये दाग ?
यहीं अंत होता है कुल का !
* चलता रहा प्रयास कुल - दीपक को पाने का /
माँ की गोंद भरी /
एक नहीं ,कई बार , बेटी आई कोख !
हर बार , दी गयी मार !
जन्म लेने से पहले ,कभी जन्म लेने के बाद /
छीन लिया मेरा बचपन ,यौवन दर्शन ,
जिसकी में नहीं हक़दार /
में रोती रही ! कहती रही -----------
आम्मां मैनू बांचो ! किताबों से ज्यादा ,
दिल की गहराईयों में उतरकर,
उतरन नहीं , तेरे कर की हूँ कंगन ,
कागज की नैया ना , गुड़िया हूँ तेरी /
तोड़ फेंकों नहीं ,खिलौने सृजन के /--------
तोड़ देंगे हृदय , छोड़ जायेंगे सब /
साथ होगी तड़फ ,याद आयेंगे हम /
करती पूजा ,दुर्गा , सरस्वती, देवियों की !
पुत्र मांगती है , एक औरत से औरत !
क्या उलझन है मन की , सुलझाओ माये ?
देख बेटियां खड़ी हैं पर्वत -शिखर पर /
किरण ,कल्पना ,प्रतिभा , उषा , दिया है ,
झूठी ,प्रतिष्ठा में क्यों जल रही है ?
*नानी ने दिया था दुलारों का थप्पड़ ,
तुने तो मारा अपनी बेटी को खंजर !
पूछ लेना ,जरा मेरी दादी से एक दिन ,
बाबुल, डोली सजाया ,या अर्थी उठी थी ?
उत्तर मिले तो हमें भी बताना ------
लाज आये जरा भी तो ,
बेटी बचाना !-------
उदय वीर सिंह .
२१ /११ /२०१०
7 टिप्पणियां:
बहुत अच्छी और विचारणीय प्रस्तुति
चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी रचना का लिंक मंगलवार 23 -11-2010
को दिया गया है .
कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..
http://charchamanch.blogspot.com/
बहुत ही सुंदर.... मनोभावों को खूब प्रस्तुत किया.... बधाई
कुछ पंक्तियाँ आँखें नम कर गयीं ......
मार्मिक शब्द चित्रण!!!
विचारपूर्ण!
बहुत ही भावमय करती शब्द रचना ।
मार्मिक और हृदयस्पर्शी ...
मार्मिक और हृदयस्पर्शी ...
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