मंगलवार, 15 मार्च 2011

**शब्दांश **

सम्मान  का ,सम्मान  देने  वालों ,  सम्मान   करते   हैं ,
सहा  है  दर्द   बहुत ,  देने  वालों  का एहतराम  करते हैं --

भरोषा  था   जिन्हें , मुझ  पर   इतना , टूट गया हमसे ,
न  टूटे  वे  कभी ,उनके  बड़प्पन  का  हम मान करते हैं  -----

दिनमान  की  ऊँचाई  प्यार से  वंचित नहीं  करती कभी ,
एक  हम  हैं , झुलस   कर  चांदनी में , तूफान  करते   हैं   ------

 अनमोल  प्यार की  छाँव  में, पाए  सारे मुकाम  जिसने ,
 सम्मान   देने   की   जगह   उदय   अपमान    करते  हैं  ----

बदनाम  हो  गया   बचाने   को , बदनामियों  से  जिनको ,
वसीयत   लिए    इल्जाम    की ,  मेरे   नाम     करते   हैं ----- 

कल्पनाओं   की    पूंजी  से  मांग  भर लेना ,कहा किसने ? 
दस्तावेज  बनते  ख्वाब  को   ही , सब  सलाम   करते   हैं      ------

ढूंढ़    लेना   किताबों   में  , बिकता  नहीं  है  प्यार   कहीं  ,
बिकता  है , मोड़   पर ,  बाज़ार  में , उसे सामान  कहते हैं  ----- 

                                                                   उदय वीर सिंह .
                                                                     १५/०३/२०११ 



8 टिप्‍पणियां:

सदा ने कहा…

वाह ...हर पंक्ति बहुत कुछ कहती हुई सुन्‍दर प्रस्‍तुति ।

रश्मि प्रभा... ने कहा…

दिनमान की ऊँचाई प्यार से वंचित नहीं करती कभी ,
एक हम हैं , झुलस कर चांदनी में , तूफान करते हैं ------
waah, bhawmay karti panktiyaan

Sunil Kumar ने कहा…

ढूंढ़ लेना किताबों में, बिकता नहीं है प्यार कहीं ,बिकता है , मोड़ पर , बाज़ार में उसे सामान कहते हैं
सही कहा आपने बिकने वाले को सामान कहते है , बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ,बधाई

Kailash Sharma ने कहा…

ढूंढ़ लेना किताबों में , बिकता नहीं है प्यार कहीं ,
बिकता है , मोड़ पर , बाज़ार में , उसे सामान कहते हैं -----

बहुत सुन्दर..हर पंक्ति सार्थक और लाज़वाब..आभार

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

ढूंढ़ लेना किताबों में , बिकता नहीं है प्यार कहीं ,
बिकता है , मोड़ पर , बाज़ार में , उसे सामान कहते हैं -----


बहुत खूब ..सटीक बात कही ..

Satish Saxena ने कहा…

पूरी रचना ही गज़ब है ...शुभकामनायें आपको !

Asha Lata Saxena ने कहा…

सुन्दर भावपूर्ण कविता |
आशा

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बदनाम हो गया बचाने को , बदनामियों से जिनको ,
वसीयत लिए इल्जाम की , मेरे नाम करते हैं -----


ये तो वक़्त है ... ऐसा अक्सर होता है ....