{ * मेरे प्रिय देशवासियों बैसाखी की हार्दिक शुभ -कामनाएं / यह ख़ुशी का पर्व , धार्मिक ही नहींअपितु इतिहास का अमिट हस्ताक्षर भी है / जिसने प्यारे वतन को उर्जावान रखा है . / हम उसके वारिस , बैसाखी को तन - मन व आत्मा में समाहित कर फुले , नहीं समाते हैं / बढ़ते जाते हैं और एक कदम आगे ----}
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पग सजी है रंगीली ,थिरकते कदम
आ मिलो जैसे सागर से धरा मिले - --
आ मिलो जैसे सागर से धरा मिले - --
ऐ बैसाखी सलामत अमर तू रहो ,
गमजदों को सहारा तुम्हारा मिले --
तेरे दामन में कम हों न खुशियाँ कभी ,
मेरे दामन को , तेरा सहारा मिले -----
खेत मेरे सजे आगमन में तेरे ,
हवाओं ने खुशबू नजर कर दिया --
बेबे कहती बिठाने को अपनी पलक ,
बापू गीतों से गलियों में रस भर दिया --
सोंड़ी मुडीयार आँचल सजाये हुए ,
भर के छलके ख़ुशी इतनी ज्यादा मिले ----
तेरे आँचल में केवल सितारे नहीं ,
इतिहास -ए- वतन का नजारा भी है --
खालसा का जनम ,राहे -कुदरत मिली ,
जलियांवाला ,दा घल्लुघारा भी है -----
तेरी चाहत बैसाखी इस कदर दिल में है ,
तेरे संग खातिर जीवन दुबारा मिले ------
गीत है ,प्रीत है , मीत है हमकदम ,
तुमको चाहा है दिल से हर शख्श -ए-वतन --
त्याग ,खुशियों से तेरी तो पहचान है ,
शाहे - किस्मत , मिशाल-ए -तारीख -ए -चमन -----
मिट सकें शान से ,देके खुशहालियां ,
राहे- रहबर ,गुरु , पंज-प्यारा मिले -------
उदय वीर सिंह
13/04/2011
तेरे आँचल में केवल सितारे नहीं ,
इतिहास -ए- वतन का नजारा भी है --
खालसा का जनम ,राहे -कुदरत मिली ,
जलियांवाला ,दा घल्लुघारा भी है -----
तेरी चाहत बैसाखी इस कदर दिल में है ,
तेरे संग खातिर जीवन दुबारा मिले ------
गीत है ,प्रीत है , मीत है हमकदम ,
तुमको चाहा है दिल से हर शख्श -ए-वतन --
त्याग ,खुशियों से तेरी तो पहचान है ,
शाहे - किस्मत , मिशाल-ए -तारीख -ए -चमन -----
मिट सकें शान से ,देके खुशहालियां ,
राहे- रहबर ,गुरु , पंज-प्यारा मिले -------
उदय वीर सिंह
13/04/2011
6 टिप्पणियां:
खेत मेरे सजे आगमन में तेरे ,
हवाओं ने खुशबू नजर कर दिया --
बेबे कहती बिठाने को अपनी पलक ,
बापू गीतों से गलियों में रस भर दिया --
बैसाखी आगमन की उम्दा अंदाज़ में स्वागत । आपको बैसाखी की शुभकामनाएं ।
.
खुबसूरत रचना, बैसाखी की हार्दिक बधाई
तेरे आँचल में केवल सितारे नहीं ,
इतिहास -ए- वतन का नजारा भी है --
खालसा का जनम ,रहे -कुदरत मिली ,
जलियांवाला ,दा घलुघरा भी है -----
बहुत सुंदर..वैशाखी की शुभकामनाएं।
हार्दिक बधाई और शुभकामनायें आपको भाई जी !
आदरणीय उदय वीर सिंह जी
सादर सस्नेहाभिवादन !
आपको सपरिवार
* वैशाखी पर्व की *
* हार्दिक बधाई !*
* शुभकामनाएं ! *
* मंगलकामनाएं ! *
आपकी रचना काबिले-तारीफ़ है …
खेत मेरे सजे आगमन में तेरे ,
हवाओं ने खुशबू नजर कर दिया --
बेबे कहती बिठाने को अपनी पलक ,
बापू गीतों से गलियों में रस भर दिया --
सोंड़ी मुडीयार आँचल सजाये हुए ,
भर के छलके ख़ुशी इतनी ज्यादा मिले
बहुत ख़ूब ! प्रशंसनीय !!
सचमुच , बहुत बहुत प्यारा गीत है , जितनी तारीफ़ करूं … कम है !!
* श्रीरामनवमी की भी शुभकामनाएं ! *
वैशाखी पर्व की भी हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
तेरी चाहत बैसाखी इस कदर दिल में है ,
तेरे संग खातिर जीवन दुबारा मिले ------
बहुत ही कोमल भावनाओं में रची-बसी खूबसूरत रचना के लिए आपको हार्दिक बधाई।
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