बुधवार, 22 जून 2011

पहचान

    हमें सवेर मिल जाये शाम दे देंगे ,
    हमें राह मिल जाये मुकाम दे देंगे ---
                 **
कुछ      मांग     कर   देखो ,
  अगर   अपना समझते  हो ,
   जीवन  तो   तुच्छ   है  यारा 
      भगवान       दे            देंगे --
                **
जलते  अंगारे  खौफ  में  ,
    काली     घटाओं     से ,
     कहीं  टूट  कर बरसे तो ,
        बे  -  निशान   कर   देंगे --
                **
खुदगर्ज       हैं       इतना
  चलकर   साथ   तो   देखो  ,
    इसरार        है       दोजख ,
      इमान         दे            देंगे --
                **
लिखा   नसीब   में कुछ  भी ,
   उसे       कबूल     करते    हैं ,
    गर  कम- नसीबी ही मुक़र्रर है ,
     समझ      इनाम      ले       लेंगे --
               **
होठो      की     हसरत   है
  खुदा   का  नाम  आ  जाये  ,
    क्या    रखा   है    साकी   में ,
      कुर्बान       कर             देंगे --
               **
हर     आँख      का    पानी
   अन  -    मोल      होता   है ,
     वह  फरेब   करता  है ,  कहे ,
        जो      दाम      दे         देंगे --
               **
उदय  हर  अक्स  जानता  है
   बुनियाद  अपने  स्वरूप  की ,
     तामीर   होने   दो  मुकम्मल
       अंजाम           दे            देंगे --

                                      उदय वीर सिंह
     



12 टिप्‍पणियां:

Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…

कविता की प्रत्येक पंक्ति में अत्यंत सुंदर भाव हैं....

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर और सशक्त रचना!

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " ने कहा…

उदय हर अक्स जनता है

बुनियाद अपने स्वरूप की

तामीर होने दो मुकम्मल

अंजाम............दे देंगे

......................भावपूर्ण , प्रभावी प्रस्तुति

सदा ने कहा…

बहुत ही सुन्‍दर शब्‍द संयोजन ।

vandana gupta ने कहा…

गज़ब का अन्दाज़-ए-बयाँ है।

Satish Saxena ने कहा…

होठो की हसरत है
खुदा का नाम आ जाये ,
क्या रखा है साकी में ,
कुर्बान कर देंगे --

बहुत खूब भाई जी ...हर लाइन अपना प्रभाव छोडती है !
सादर

ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηι ने कहा…

गर कम -नसीबी ही मुकर्रर है, समझ इमान ले लेंगे।

बहुत ख़ूब।

Kailash Sharma ने कहा…

हमें सवेर मिल जाये शाम दे देंगे ,
हमें राह मिल जाये मुकाम दे देंगे --

...बहुत खूब !...बहुत प्रेरक और सशक्त प्रस्तुति..भावों को शब्दों में बहुत प्रभावपूर्ण ढंग से उकेरा है..आभार

Kunwar Kusumesh ने कहा…

कुछ मांग कर देखो ,
अगर अपना समझते हो ,
जीवन तो तुच्छ है यारा
भगवान दे देंगे --

ग़ज़ब के भाव.
क्या बात है जी.

Pushpendra Singh "Pushp" ने कहा…

उदय जी
जोरदार रचना अच्छे शब्दों में की
बधाई स्वीकारें ..........

M VERMA ने कहा…

हर आँख का पानी
अन - मोल होता है ,
वह फरेब करता है , कहे ,
जो दाम दे देंगे -
आँखो के पानी का मोल भला कौन दे सकता है
अत्यंत सुन्दर रचना

Rajeev Bharol ने कहा…

हमें सवेर मिल जाये शाम दे देंगे ,
हमें राह मिल जाये मुकाम दे देंगे ---


वाह क्या बात है.