गुलों , तुम्हें भी जरुरत पड़ेगी काँटों की ,
उम्र थोड़ी ही मिली, सबाबों की --
हँसता हुआ गुलाब , सलामत कहाँ रहे ,
बे -खौफ उछाला गया ,गली नबाबों की ---
महफ़िल तलाशती है , दर्द का दामन ,
छोड़ आती है दर , दूर कहीं , नकाबों की --
हाथों में न खिला कभी ,एक फूल मानिये ,
खेला गया खिलौना बना ,कई हाथों की --
उम्र थोड़ी सी मिली मुझे , ख्यालों की,
देख लेने दो मुझे ,भर नजर हिजाबों की ---
मुकम्मल नहीं हुयी ,हसरत तमाम थी ,
फिर भी जाते हैं ,पनाहे ख्वाबों की ---
होते न फ़ना दर्द कभी, मंजर बदल गए ,
उदय साथ मत लाना ,बारात यादों की --
टुटा जब आईना तो , सूरत कहाँ रही ,
रह जाती है वहीँ बात ,हजार बातों की ---
टुटा जब आईना तो , सूरत कहाँ रही ,
रह जाती है वहीँ बात ,हजार बातों की ---
उदय वीर सिंह
२५/०६/२०११ .
२५/०६/२०११ .
10 टिप्पणियां:
टुटा जब आईना तो , सूरत कहाँ रही ,
रह जाती है वहीँ बात ,हजार बातों की ---
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति की है उदय जी आपने.
हर शब्द अपनी बात कह रहा है.
ग़ज़ल के सभी अशआर बहुत खूबसूरत है ज़नाब!
होते न फ़ना दर्द कभी, मंजर बदल गए ,
उदय साथ मत लाना ,बारात यादों की --
वाह वाह बहुत सुंदर अहसास मुबारक हो
उम्र थोड़ी सी मिली मुझे , ख्यालों की,
देख लेने दो मुझे ,भर नजर हिजाबों की ---
मुकम्मल नहीं हुयी ,हसरत तमाम थी ,
फिर भी जाते हैं ,पनाहे ख्वाबों की ---
बहुत खूब...बहुत खूब....बहुत खूब....
गुलों , तुम्हें भी जरुरत पड़ेगी काँटों की ,
उम्र थोड़ी ही मिली, सबाबों की --
...बहुत ख़ूबसूरत गज़ल...सभी शेर लाज़वाब..आभार
Behad prabhawshali rachna.
उम्र थोड़ी सी मिली मुझे , ख्यालों की,
देख लेने दो मुझे ,भर नजर हिजाबों की ---
बहुत सुन्दर पंक्तियाँ! ख़ूबसूरत और शानदार ग़ज़ल!
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
मुकम्मल नहीं हुयी ,हसरत तमाम थी ,
फिर भी जाते हैं ,पनाहे ख्वाबों की
आन्तरिक भावों के सहज प्रवाहमय सुन्दर रचना....ख्वाबों को बड़ी बारीकी से व्याख्यायित किया है आपने।
उदय जी बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है \लगता है हर शब्द बोल रहा हो..
उम्र थोड़ी सी मिली मुझे , ख्यालों की,
देख लेने दो मुझे ,भर नजर हिजाबों की ---ये पंक्तियाँ बहुत सुन्दर हैं...
उदय जी बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है \लगता है हर शब्द बोल रहा हो..
उम्र थोड़ी सी मिली मुझे , ख्यालों की,
देख लेने दो मुझे ,भर नजर हिजाबों की ---ये पंक्तियाँ बहुत सुन्दर हैं...
एक टिप्पणी भेजें