रविवार, 3 जुलाई 2011

स्त्री [ यशोधन ]

वसीयत ,
अस्तित्व की ,जीवन की ,
समर्पण ,वलिदान की ,
स्नेह की ,सम्मान  की ,
अपेक्षा की  ,
बिन उसके ,
सून्य,असंख्य सून्य .....
विरंची के मानस का अर्क ,
संचेतना में इतनी ,तिरोहित   कि,
मशीन हो गयी है  /
खो गयी है ...
सुध-बुध अपनी --
अवस्था का ,स्थान का ,सम्मान का    /
बन गयी शाला -
अपमान , भय, याचना ,दीनता की ,
पराया दुःख अपना ,
अपना भूल गयी -----
वंचित हो गयी -
स्वतंत्रता  ,स्वाभिमान  ,विवेक से ,
शामिल हो गयी बुनने में जाल,
जो उसके लिए बुने  गए ,
अछूत समझते हैं ,
मंदिरों के कपाट भी ,
नहीं खुलते दिन के उजाले में ---
**  सिर्फ तेरे लिए,
मंगल - सूत्र , करवां- चौथ ,जीवित पुत्रिका ब्रत,
सतीत्व ,पतिव्रता ,लक्षमण - रेखा ,
दहलीज की चौखट ,
पवित्रता  !
क्यों ?
विवश है मांगने को पुत्र
क्यों  ?
सृजने  !
कोख में ही भेद,
क्यों  ?
त्यागना होगा  आवरण ,रुढियों का ,
तोड़ डालो बेड़ियाँ ,
संकोच की ...
करना होगा वरण
आत्मबल ,सद्ज्ञान का
दे दो ठोकर
प्रतिबंधों को ,लिखे अनुबंधों को ,
जा गिरें पाताल  में ,
न लौट सकें कभी ,
छल
 करने को  ,
सबला को अबला  ,
कहने को ........

                                    उदय वीर सिंह  .
                                       ०३/०७/२०११





9 टिप्‍पणियां:

रश्मि प्रभा... ने कहा…

स्त्रीत्व के मोहक परिधान में ऐसी ही रहेगी

वीना श्रीवास्तव ने कहा…

त्यागना होगा आवरण ,रुढियों का ,
तोड़ डालो बेड़ियाँ ,
संकोच की ...
करना होगा वरण
आत्मबल ,सद्ज्ञान का
दे दो ठोकर
प्रतिबंधों को ,लिखे अनुबंधों को ,
जा गिरें पाताल में ,
न लौट सकें कभी ,
छल
करने को ,
सबला को अबला ,
कहने को ........

बहुत बढ़िया....
सच कहा है रूढ़ियों को तोड़ना होगा...

Sunil Kumar ने कहा…

बहुत कुछ सोंचने को विवस करती हुई सारगर्भित रचना बधाई

वाणी गीत ने कहा…

त्यागना होगा आवरण ,रुढियों का ,
तोड़ डालो बेड़ियाँ ,
संकोच की ...
करना होगा वरण
आत्मबल ,सद्ज्ञान का
दे दो ठोकर
प्रतिबंधों को ,लिखे अनुबंधों को ...

स्त्रियों के लिए सार्थक सन्देश !

अजय कुमार ने कहा…

रूढ़ियों को तो तोड़ना ही होगा

Vandana Ramasingh ने कहा…

बेहतरीन सोच और बेहतरीन रचना

Kailash Sharma ने कहा…

नारी व्यथा को इंगित करती बहुत सारगर्भित प्रस्तुति..आभार

mridula pradhan ने कहा…

जा गिरें पाताल में ,
न लौट सकें कभी ,
छल
करने को ,
सबला को अबला ,
कहने को ......ek gambhir visay par bahut achchi kavita.

F/S ने कहा…

सच कहा है आपने...
बहुत बढ़िया सार्थक सन्देश देती बेहतरीन रचना....