सेंक लेते हैं रोटियां , जली आग पर ,
जलाई किसने , पता कर लेते तो अच्छा था ..
हजारों गम जमानें में नजर आए,
गैर का है कौन , पता कर लेते तो अच्छा था ...
सलीब पर टंगी बे- नकाब जिंदगी , गा रही है ,
लिखे गीत किसने , पता कर लेते तो अच्छा था ...
नंगा रहा ताउम्र , पैबंद भी रुसवा ,
जनाजा बाकफ़न है ,पता कर लेते तो अच्छा था ...
नाकाबिल भी काबिल है , देने को रिश्वत ,
किसने दिया नहीं , पता कर लेते तो अच्छा था ...
आयेंगे हरकारे तब जागेंगे नींद से,
सोया नहीं है कौन ,पता कर लेते तो अच्छा था ....
मंदिर में अकूत दौलत आई कहाँ से कब ,
रिश्वत है ,या प्यार ,पता कर लेते तो अच्छा था ....
फ़कत तदवीर -ए - रोटी बीती तमाम उम्र ,
इंतजार में है कौन , पता कर लेते तो अच्छा था ...
डूबता है देश , तमासबीन बन गए उदय
जिम्मेदार इसका कौन पता कर लेते तो अच्छा था ....
उदय वीर सिंह
हजारों गम जमानें में नजर आए,
गैर का है कौन , पता कर लेते तो अच्छा था ...
सलीब पर टंगी बे- नकाब जिंदगी , गा रही है ,
लिखे गीत किसने , पता कर लेते तो अच्छा था ...
नंगा रहा ताउम्र , पैबंद भी रुसवा ,
जनाजा बाकफ़न है ,पता कर लेते तो अच्छा था ...
नाकाबिल भी काबिल है , देने को रिश्वत ,
किसने दिया नहीं , पता कर लेते तो अच्छा था ...
आयेंगे हरकारे तब जागेंगे नींद से,
सोया नहीं है कौन ,पता कर लेते तो अच्छा था ....
मंदिर में अकूत दौलत आई कहाँ से कब ,
रिश्वत है ,या प्यार ,पता कर लेते तो अच्छा था ....
फ़कत तदवीर -ए - रोटी बीती तमाम उम्र ,
इंतजार में है कौन , पता कर लेते तो अच्छा था ...
डूबता है देश , तमासबीन बन गए उदय
जिम्मेदार इसका कौन पता कर लेते तो अच्छा था ....
उदय वीर सिंह
14 टिप्पणियां:
डूबता है देश , तमासबीन बन गए उदय
जिम्मेदार इसका कौन पता कर लेते तो अच्छा था ....
उदय जी, पता बहुत किया तो पाया आप और हम ही जिम्मेवार हैं.
सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार.
आयेंगे हरकारे तब जागेंगे नींद से,
सोया नहीं है कौन ,पता कर लेते तो अच्छा था ....
bahut hi badhiyaa
आपका लेख आजके चर्चामंच की शोभा बढ़ा रहा है
धन्यवाद
बहुत शानदार ग़ज़ल लिखी है आपने!
याद मन्दिर की सताती पेट में जब रोटियाँ हो.
खूब मस्जिद याद आती पेट में जब रोटियाँ हो.
सेंक लेते हैं रोटियां , जली आग पर ,
जलाई किसने , पता कर लेते तो अच्छा था ..
हजारों गम जमानें में नजर आए,गैर का है कौन , पता कर लेते तो अच्छा था ...
सच को प्रतिबिम्बित करती बेहतरीन रचना...
आपकी इस उत्कृष्ट प्रवि्ष्टी की चर्चा आज शुक्रवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है!
मंदिर में अकूत दौलत आई कहाँ से कब ,
रिश्वत है ,या प्यार ,पता कर लेते तो अच्छा था ....
डूबता है देश , तमासबीन बन गए उदय
जिम्मेदार इसका कौन पता कर लेते तो अच्छा था ....
apko padh kar bahut acchha laga...sunder teekshan prahar karti sunder rachna.
vaah,kya baat hai.
नंगा रहा ताउम्र , पैबंद भी रुसवा ,
जनाजा बाकफ़न है ,पता कर लेते तो अच्छा था ...
लाज़वाब प्रस्तुति..बहुत सटीक और सार्थक प्रस्तुति..
Yahi to samsya hai ki koi jaan kar bhi pata nahi karna chahta hai.sundar likha hai.
आयें हरकारे तब जागेंगे नींद से,
सोया नहीं है कौन ,पता कर लेते तो अच्छा था
डूबता है देश, तमासबीन बन गए उदय
जिम्मेदार इसका कौन पता कर लेते तो अच्छा था
भाव अत्यंत गंभीर लेकिन शैली ने दुरूह नहीं बनने दिया. स्पस्ट कथन लक्ष्य पर प्रहार. शिल्प आकर्षक और सुबोध.आभार.
आयेंगे हरकारे तब जागेंगे नींद से,
सोया नहीं है कौन,पता कर लेते तो अच्छा था ....
बढ़िया शब्द चयन के साथ खूबसूरत रचना ...
शुभकामनायें आपको !
वाह उदय वीर जी - एक उम्दा ग़ज़ल जिसमें गहरा सन्देश मुखरित हो रहा है - हार्दिक बधाई
बहुत शानदार ग़ज़ल लिखी है ......सुन्दर प्रस्तुति
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