शनिवार, 13 अगस्त 2011

**बंधन**


  
विस्तृत   कालखंडों   का   
आवेदन   ,
निहितार्थ   
स्वतंत्रता ,रक्षा  हेतु  बंधन ..
न   मुक्त  करो  ,
दिए  जा  वचन  ,
निभाने  का  /
बंधा है  कचे धागों  से  --
अनमोल   है ,असीम  है ,
मुक्त  है ,धर्म  ,जाती  ,द्वेष  ,विद्वेष  से ,
धरातल  है विस्वास  का ,
पयोधि  है  प्यार  का ,
सरिता  का चंचल   वेग  ,
चन्दन  का  तरु  ,
स्नेह  की  अमर  बेल   '
वल्लरी  बाँहों  की 
पनाहों  की ,
नेह  है  ,मुखरता  है ,स्पंदन   है 
पराकाष्ठा   है, त्याग  की ,
सम्मान   की ,अभिमान  की 
वलिदान  की .../
पुकार  है--   वेदना  की ,
आभार   है -- संस्कारों  का  ,
उपकार  है  --जन्म  लेने    का ,
रक्षार्थ    -
ध्वनित  होते  शब्दों  का --
वीर    ! 
मान   रखना  ,  राखी   का --../
हमें    मुक्ति   नहीं   बंधन  दो 
जो    आश्वस्त  करता   है  
आजादी   को --- /
बह  चले  तो -- आंसू   है 
रुक  जाये  तो -- प्रतिवद्धता  ,
मिट  जाये तो -- अमरता  ,
स्वीकार  है,
अगर ये  बंधन है ,
तो  युगों    
तक ........../


                    उदय  वीर सिंह .
                     १३/०८/2011  



14 टिप्‍पणियां:

Deepak Saini ने कहा…

सुन्दर कविता
रक्षा बंधन पर्व की बधाइयाँ

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सुन्दर...रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनायें !

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत अच्छी प्रस्तुति!
रक्षाबन्धन की हार्दिक शुभकामनाएँ!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत अच्छी प्रस्तुति!
रक्षाबन्धन की हार्दिक शुभकामनाएँ!

Sunil Kumar ने कहा…

पुकार है-- वेदना की ,
आभार है -- संस्कारों का ,
उपकार है --जन्म लेने का ,
खुबसूरत पंक्तियाँ अर्थ समेटे हुए , अच्छी लगी , बधाई

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत अच्छी प्रस्तुति ...

रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनायें !

निवेदिता श्रीवास्तव ने कहा…

अच्छी प्रस्तुति .......

सागर ने कहा…

acchi prstuti....

Satish Saxena ने कहा…

गज़ब की रचना, आनंद आ गया नया रूप देख !
शुभकामनायें रक्षाबंधन पर !

S.N SHUKLA ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना, बहुत सार्थक प्रस्तुति .
भारतीय स्वाधीनता दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं .

रचना दीक्षित ने कहा…

हमें मुक्ति नहीं
बंधन दो
जो आश्वस्त करता है
आजादी को --- /
बह चले तो -- आंसू है
रुक जाये तो -- प्रतिवद्धता ,
मिट जाये तो -- अमरता ,
स्वीकार है,
अगर ये बंधन है ,
तो युगों तक .......

गज़ब की कविता है गज़ब के जज्बात है उदयवीर जी. बहुत सुंदर प्रस्तुति.

स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाये...

Maheshwari kaneri ने कहा…

बहुत अच्छी प्रस्तुति!
रक्षाबन्धन और स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!...

Asha Joglekar ने कहा…

मान रखना , राखी का --../
हमें मुक्ति नहीं बंधन दो
जो आश्वस्त करता है
आजादी को --- /
बह चले तो -- आंसू है
रुक जाये तो -- प्रतिवद्धता ,
मिट जाये तो -- अमरता ,

तन मन को झकझोर देने वाली सुंदर प्रस्तुति . रक्षा बंधन की ङार्दिक शुभ कामनाएँ । आपका ब्लॉग बहुत अच्छा लगा । आप मेरे ब्लॉग पर आये बहुत धन्यवाद ।

Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…

बहुत ही उम्दा रचना...

रक्षाबंधन और स्वंतत्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनायें.