[गुरु -नमन --- गुरु पावन है ,गुरु सावन है,मनभावन है,गुरुजीवन का , उसके बिन ,जीनव घोर अंधार , कोटि कोटि नमन जिसने कच्ची मिटटी सामान जीवन को कनक सा बनाया ......... वंदन है, अभिन्दन है ]
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पावन हों जीवन के सफ़र ,
अर्पित जीवन गुरुओं की डगर --
जब आस न हो ,कोई प्यास न हो,
विस्वास न हो निज नातों का
प्रतिविम्ब तजे , रजनी अंगना ,
स्नेह तजे क्या , बातों क्या ..
अब आँख में है ,कुछ कांख में है ,
बस साथ में है गुरुओं की नजर .....
अनजान रहे , अज्ञान रहे,
, जिस राह चले भूले भटके ,
गोबिंद के दर्श हुए गुरु से ,
पहचान हुयी रब की गुरु से...
रवि-चन्द्र की ज्योति भी छुपती है,
निशिवासर गुरु का ज्ञान प्रखर ....
वंदन है , अभिनन्दन है,
आशीष , मिले हर पल पावन ,
भीग उठे मन , नाच उठे ,
करुणा बरसे जैसे सावन ....
स्नेह की डोर , बधें उर से ,
सुचिता में सजे धरती अम्बर
गुरु चेतन है ,गुरु चन्दन है गुरु,
ज्ञान - निधान , महान गुरु ,
ज्योति गुरु, अनमोल गुरु,
ज्ञान - सुधा , सम्मान गुरु....
तुच्छ वंदना , उदय मुखर है,
गुरु- शिष्य की रीत अमर ......./
उदय वीर सिंह
४/०९/२०११
अब आँख में है ,कुछ कांख में है ,
बस साथ में है गुरुओं की नजर .....
अनजान रहे , अज्ञान रहे,
, जिस राह चले भूले भटके ,
गोबिंद के दर्श हुए गुरु से ,
पहचान हुयी रब की गुरु से...
रवि-चन्द्र की ज्योति भी छुपती है,
निशिवासर गुरु का ज्ञान प्रखर ....
वंदन है , अभिनन्दन है,
आशीष , मिले हर पल पावन ,
भीग उठे मन , नाच उठे ,
करुणा बरसे जैसे सावन ....
स्नेह की डोर , बधें उर से ,
सुचिता में सजे धरती अम्बर
गुरु चेतन है ,गुरु चन्दन है गुरु,
ज्ञान - निधान , महान गुरु ,
ज्योति गुरु, अनमोल गुरु,
ज्ञान - सुधा , सम्मान गुरु....
तुच्छ वंदना , उदय मुखर है,
गुरु- शिष्य की रीत अमर ......./
उदय वीर सिंह
४/०९/२०११
15 टिप्पणियां:
रवि-चन्द्र की ज्योति भी छुपती है,
निशिवासर गुरु का ज्ञान प्रखर .... बहुत सुन्दर रचना...्शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाई.....
शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर समस्त गुरुजनों,शुभ-चिंतकों,शिक्षार्थियों को शुभकामनाये ,वंदन,अभिनन्दन व,प्यार पहुंचे .../
रवि-चन्द्र की ज्योति भी छुपती है,
निशिवासर गुरु का ज्ञान प्रखर ....
hriday se nikali pavan vandana ..shikshsk divas par badhai..
आज बहुत श्रेष्ठ रचना पढ़ने को मिली!
--
शिक्षक दिवस की शुभकामनाएँ और सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन जी को नमन!
शिक्षक दिवस पर एक अद्भुत कविता भाई उदय जी सादर अभिवादन
शिक्षक दिवस पर एक अद्भुत कविता भाई उदय जी सादर अभिवादन
गुरुजनों को सादर प्रणाम ||
सुन्दर प्रस्तुति पर
हार्दिक बधाई ||
बहुत सुन्दर...
आज इसे भी देखें-
चर्चा मंच
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
शिक्षक दिवस की शुभकामनायें.
वंदन है ,अभिनन्दन है,
आशीष , मिले हर पल पावन ,
भीग उठे मन ,नाच उठे ,
करुणा बरसे जैसे सावन ....
गुरु जनों को समर्पित ये वंदना सच में गुरुओं तक जरुर पहुंची होगी एकदम दिल से जो निकली है
सटीक और शानदार प्रस्तुति , आभार
कृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारें .
पहली कक्षा की शिक्षिका--
माँ के श्रम सा श्रम वो करती |
अवगुण मेट गुणों को भरती |
टीचर का एहसान बहुत है --
उनसे यह जिंदगी संवरती ||
माँ का बच्चा हरदम अच्छा,
झूठा बच्चा फिर भी सच्चा |
ठोक-पीट कर या समझाकर-
बना दे टीचर सच्चा-बच्चा ||
लगा बाँधने अपना कच्छा
कक्षा दो में पहुंचा बच्चा |
शैतानी में पारन्गत हो
टीचर को दे जाता गच्चा ||
sundar prstuti.... happy teacherday...
bahut khoob. shikshak diwas ki shubhkaamnaayen.
बहुत सुन्दर वंदन ...
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