बुधवार, 26 अक्तूबर 2011

जद्दोजहद

 [मित्रों ,यहाँ  अन्ना  से तात्पर्य  -देश-प्रेमी ,मानव -प्रेमी सदाचारी से है ,न की  किसी व्यक्ति से , दूसरा पक्ष से अर्थ  -  पापाचरियों,देश-द्रोहियों ,भ्रष्टाचारियों  से है ,न की किसी ,व्यक्ति -विशेष ,या सत्ता- रूढ़,या पार्टी से है] 


***
रुखसत   नहीं हैं अन्ना ,
न ही उनके विरोधी 
प्रतीक्षा में हैं दोनों ,
अपनी बारी का ,
अपना  पलड़ा भारी होने का  /
एक  के  पास -
आत्मबल ,सद्ज्ञान ,सदाचार ,प्रेम ,
सच कहने का साहस ....
तो दुसरे के पास ...
छल -छद्म ,दुस्साहस ,प्रवंचन ,
अनैतिकता का प्रबल भार..  /
क्रंदन है, व्यथा ,विपन्नता ,त्रासदी का कहीं ,
कहीं उल्लास ,मद  ,दर्प है 
मुखर  /
अर्जित किया गया ,
अकूत ऐश्वर्य ,अट्टालिका 
मिटा कर कुटिया दीन की ,मजबूर की ,
भरा गया ,स्विश-बैंक का अकाउंट  
चूस  कर  चूस खून ,
दबा  कर गला ,
बेच कर इन्शानियत का कफ़न ,
मान ,सम्मान ,स्वप्न   ,
बनाकर बंधक ,
अपनी आत्मा को ......./
झुकेगा कौन ?
न मालूम ,
अन्ना या
बे- अन्ना !

                  उदय वीर सिंह 

6 टिप्‍पणियां:

Rakesh Kumar ने कहा…

आपकी अभिव्यक्ति बहुत अच्छी लगी.
सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार.

उदय जी, आपके व आपके समस्त परिवार के स्वास्थ्य, सुख समृद्धि की मंगलकामना करता हूँ.दीपावली के पावन पर्व की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ.
दुआ करता हूँ कि आपके सुन्दर सद लेखन से ब्लॉग जगत हमेशा हमेशा आलोकित रहे.

समय मिलने पर मेरे ब्लॉग पर भी आईयेगा.

हास्य-व्यंग्य का रंग गोपाल तिवारी के संग ने कहा…

Bahut achhi rachna. aapko tatha aapke pariwar ko deepawali ki hardik subhkamna.

Urmi ने कहा…

बहुत बढ़िया लिखा है आपने! लाजवाब प्रस्तुती!
आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को दिवाली की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर!
आपको और आपके पूरे परिवार को
दीपावली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

ZEAL ने कहा…

bahut sundar rachna.

ZEAL ने कहा…

very nice creation Sir.