रविवार, 12 फ़रवरी 2012

रकीब न दो

मुझे रकीब  न दो , तुम्हें दुआ देंगे --

       आँखों में नमीं है इतनी गुलजार रहेगा गुलशन ,
       बे -  नजीरों   को    नज़ीर   न   दो   दुआ   देंगें -

       पाई  है  बड़ी  मुश्किल  से  ख़ुशी ,सहेज लेने दो,
       लौट  जाने    की   दलील   न   दो ,   दुआ   देंगे-

       वही  अल्फ़ाज  कहे  हमने ,  जो   कहा   तुमने,
       बयां  हो  जाये  कहीं , जमीर   न  दो  दुआ  देंगे - 

       बंध    चुके   हैं    इतना    कि   बंध   न   पायेंगें ,
       बंध  जाये  रूह  कहीं , जंजीर  न  दो  दुआ  देंगें -

       रौंद कर दुनियां बे-गुनाहों की, जय कहने वालों ,
       हाथों    में   मेरे   शमशीर    न   दो    दुआ  देंगें -

                                                     उदय वीर सिंह 
  
  

      

13 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

वाह, बेहतरीन...

mridula pradhan ने कहा…

bahot achchi.....

Shabad shabad ने कहा…

ਉਦੈਵੀਰ ਜੀ,
ਸਤਿ ਸਿਰੀ ਅਕਾਲ !
ਬਹੁਤ ਦਿਨਾਂ ਬਾਅਦ ਆਉਣਾ ਹੋਇਆ....ਪੰਜਾਬ ਫੇਰੀ 'ਤੇ ਸੀ ..ਖੈਰ....
ਬਹੁਤ ਵਧੀਆ ਸਤਰਾਂ ਨੇ........
ਪਾਈ ਹੈ ਬੜੀ ਮੁਸ਼ਕਿਲ ਸੇ ਖੁਸ਼ੀ....
ਵਧੀਆ ਲਿਖਤ ਲਈ ਵਧਾਈ !
ਹਰਦੀਪ

Vandana Ramasingh ने कहा…

आँखों में नमीं है इतनी गुलजार रहेगा गुलशन

बहुत खूब ...बढ़िया प्रस्तुति

Arun sathi ने कहा…

पाई है बड़ी मुश्किल से ख़ुशी ,सहेज लेने दो,
लौट जाने की दलील न दो , दुआ देंगे-

umda

aabhar..

Anamikaghatak ने कहा…

वाह जी वाह ...क्या कहने

हास्य-व्यंग्य का रंग गोपाल तिवारी के संग ने कहा…

Bahut Khoob.

अनुपमा पाठक ने कहा…

वाह!!!

Rajesh Kumari ने कहा…

bahut umda ghazal kahi hai.

रचना दीक्षित ने कहा…

रौंद कर दुनियां बे-गुनाहों की, जय कहने वालों ,
हाथों में मेरे शमशीर न दो दुआ देंगें -

बहुत खूब. बेहतरीन प्रस्तुति.

Naveen Mani Tripathi ने कहा…

वही अल्फ़ाज कहे हमने , जो कहा तुमने,
बयां हो जाये कहीं , जमीर न दो दुआ देंगे -

बंध चुके हैं इतना कि बंध न पायेंगें ,
बंध जाये रूह कहीं , जंजीर न दो दुआ देंगें -

bahut hi sundar Uday Veer ji ...hr sher lajbab...badhai

Rakesh Kumar ने कहा…

रौंद कर दुनियां बे-गुनाहों की, जय कहने वालों , हाथों में मेरे शमशीर न दो दुआ देंगें -

हर शेर पर आह और वाह निकलती है मुख से.
सुन्दर प्रस्तुति के लिए वाह ! वाह! वाह! जी.

Rakesh Kumar ने कहा…

डॉ हरदीप जी की टिपण्णी हिंदी में भी बताईयेगा उदय जी.
ਸਤਿ ਸਿਰੀ ਅਕਾਲ !

सत् श्री अकाल! ही समझ आया मुझे.