रंग वालों ने फूलों से रंगदारी मांग ली ,
खुशबू समेटे कलियों से उधारी मांग ली -
मिश्री घुली फिजां में महकने लगी हैं गलियां ,
आहट बसन्त आया ,सँवरने लगी है डलियाँ -
रस झरने लगे है कानन कोयल भी ताल में
धानी चुनर में सज निखरने लगी है धनियाँ -
नवोढ़ा ने अपने आँचल में अंगारी मांग ली-
बौरा गयी है अमियाँ ,महुआ भी रस भरा है
मद- मस्त वल्लरी है , अनंग साथ आया -
यौवन पूरे सबाब पर, सृष्टि विहंस रही ,
संगीत की समां है ,जड़ चेतन में प्यार आया-
खुशियाँ संभाले कैसे ,पिटारी मांग ली-
सरसों की पीली रंगत ,लाली गुलाब की ,
सुर्ख होठों ने छीन ली है,आभा पलास की ,
आँचल में मोगरा ,श्यामला की रश्मियाँ ,
सौंदर्य की है सारी ,अलंकारों समास की-
बावरी सी बहकी अंखियाँ, खुमारी मांग ली
रंगों से कैसी दूरी , हमने यारी मांग ली-
उदय वीर सिंह
खुशबू समेटे कलियों से उधारी मांग ली -
मिश्री घुली फिजां में महकने लगी हैं गलियां ,
आहट बसन्त आया ,सँवरने लगी है डलियाँ -
रस झरने लगे है कानन कोयल भी ताल में
धानी चुनर में सज निखरने लगी है धनियाँ -
नवोढ़ा ने अपने आँचल में अंगारी मांग ली-
बौरा गयी है अमियाँ ,महुआ भी रस भरा है
मद- मस्त वल्लरी है , अनंग साथ आया -
यौवन पूरे सबाब पर, सृष्टि विहंस रही ,
संगीत की समां है ,जड़ चेतन में प्यार आया-
खुशियाँ संभाले कैसे ,पिटारी मांग ली-
सरसों की पीली रंगत ,लाली गुलाब की ,
सुर्ख होठों ने छीन ली है,आभा पलास की ,
आँचल में मोगरा ,श्यामला की रश्मियाँ ,
सौंदर्य की है सारी ,अलंकारों समास की-
बावरी सी बहकी अंखियाँ, खुमारी मांग ली
रंगों से कैसी दूरी , हमने यारी मांग ली-
उदय वीर सिंह
15 टिप्पणियां:
सरसों की पीली रंगत ,लाली गुलाब की ,
सुर्ख होठों ने छीन ली है,आभा पलास की ,
आँचल में मोगरा ,श्यामला की रश्मियाँ ,
सौंदर्य की है सारी ,अलंकारों समास की-
बेहद खूबसूरत पंक्तियां!
हैप्पी होली।
सुंदर प्रस्तुति,बहुत अच्छी अभिव्यक्ति....
उदय जी सपरिवार होली की बहुत२ बधाई शुभकामनाए...
RECENT POST...काव्यान्जलि
...रंग रंगीली होली आई,
सुंदर रचना ...
शुभकामनायें ...
मिश्री घुली फिजां में महकने लगी हैं गलियां ,
आहट बसन्त आया ,सँवरने लगी है डलियाँ -
रस झरने लगे है कानन कोयल भी ताल में
धानी चुनर में सज निखरने लगी है धनियाँ -
कमाल की भावपूर्ण प्रस्तुति है आपकी.
हर शब्द मोती की सी चमक बिखेर रहा है.
शानदार प्रस्तुति के लिए आभार,उदय जी.
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
Sparkling colours of HOLI may paint your life in the way to make you prestigious,honourable and lovable all around.Happy Holi.
चले चकल्लस चार-दिन, होली रंग-बहार |
ढर्रा चर्चा का बदल, बदल गई सरकार ||
शुक्रवारीय चर्चा मंच पर--
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति ||
charchamanch.blogspot.com
सुन्दर रचना, नवस्येष्टि पर्व की हा्र्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई
रंग समेटें अपने अपने..
वाह!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
होली का पर्व आपको मंगलमय हो!
बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
.
आदरणीय उदयवीर जी,
बहुत सुंदर काव्य रचना आपने होली के उपहार स्वरूप दी है हमें …
आभार !
मेरी ओर से भी मंगलकामनाएं स्वीकार करें
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♥ होली ऐसी खेलिए, प्रेम पाए विस्तार ! ♥
♥ मरुथल मन में बह उठे… मृदु शीतल जल-धार !! ♥
आपको सपरिवार
होली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
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सुंदर रचना...
होली की शुभकामनाएँ!
बहुत ख़ूबसूरत अभिव्यक्ति..होली की हार्दिक शुभकामनायें!
सरसों की पीली रंगत ,लाली गुलाब की ,
सुर्ख होठों ने छीन ली है,आभा पलास की ,
आँचल में मोगरा ,श्यामला की रश्मियाँ ,
सौंदर्य की है सारी ,अलंकारों समास की-
बेहद खूबसूरत पंक्तियां!
बहुत सुंदर रचना,बेहतरीन प्रस्तुति
RESENT POST...फुहार...फागुन...
सायद पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ है .
मन को विभोर कर देने वाली खुबसूरत रचना के इए बधाई
सरसों की पीली रंगत ,लाली गुलाब की ,
सुर्ख होठों ने छीन ली है,आभा पलास की ,
दृश्यात्मकता से परिपूर्ण सुन्दर रचना....
होली की हार्दिक शुभकामनायें !
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