शराफत से अच्छा है ,कहीं बदतमीज हो जाना ,
दोस्त से अच्छा है, कहीं रकीब हो जाना -
जिंदगी आसान नहीं , बे -अदब चौराहों पर ,
बे- नजीर से अच्छा है, कहीं नजीर हो जाना -
क़त्ल होना बनता हो जब, हँसी का सबब ,
म्यान से अच्छा है कहीं , शमशीर हो जाना -
अमन यूँ ही खैरात में ,मिलता नहीं उदय,
नशीब से अच्छा है ,कहीं बदनशीब हो जाना-
हो चले, शौक -ए - सद्र , आवाम की जलालत,
जिंदगी से अच्छा है , मौत के करीब हो जाना-
दौलत की दीवार से ,फासले बढ़ने लगे कहीं ,
अमीर से अच्छा है, कहीं गरीब हो जाना-
उदय वीर सिंह .
17 -04 -2012
जिंदगी आसान नहीं , बे -अदब चौराहों पर ,
बे- नजीर से अच्छा है, कहीं नजीर हो जाना -
क़त्ल होना बनता हो जब, हँसी का सबब ,
म्यान से अच्छा है कहीं , शमशीर हो जाना -
अमन यूँ ही खैरात में ,मिलता नहीं उदय,
नशीब से अच्छा है ,कहीं बदनशीब हो जाना-
हो चले, शौक -ए - सद्र , आवाम की जलालत,
जिंदगी से अच्छा है , मौत के करीब हो जाना-
दौलत की दीवार से ,फासले बढ़ने लगे कहीं ,
अमीर से अच्छा है, कहीं गरीब हो जाना-
उदय वीर सिंह .
17 -04 -2012
13 टिप्पणियां:
कमाल की प्रस्तुति है आपकी.
बहुत कुछ कहती हुई.
बहुत खूब.............
बहुत बढ़िया कमाल की प्रस्तुति,सुंदर अभिव्यक्ति,बेहतरीन रचना,...
MY RECENT POST काव्यान्जलि ...: कवि,...
शराफत से अच्छा है ,कहीं बदतमीज हो जाना ,
दोस्त से अच्छा है, कहीं रकीब हो जाना -
कमाल शेर पेश किया है. गज़ब की प्रस्तुति.
सुन्दर प्रस्तुति... बहुत बहुत बधाई...
बहुत खूब ... सुंदर गजल
सत श्री अकाल भाई उदय जी |कमाल का लिखा है आपने |ब्लॉग पर आने के लिए आभार |
बढ़िया गज़ल...!
काश लोग ये समझें कि वे क्या पाने के लिये क्या खो रहे हैं।
दौलत की दीवार से ,फासले बढ़ने लगे कहीं ,
अमीर से अच्छा है, कहीं गरीब हो जाना-
बढ़िया हैं तमाम अश -आर .बढ़िया है अदब से बे -अदब हो जाना .,वफ़ा से बे -वफ़ा होना .
जिंदगी आसान नहीं , बे -अदब चौराहों पर ,
बे- नजीर से अच्छा है, कहीं नजीर हो जाना -
....बहुत खूब! बेहतरीन प्रस्तुति...
बहुत प्यारे शेर हैं भाई जी ....
शुभकामनायें आपको !
जब मन ऊहापोह की स्थिति में हो, तो अच्छा है कुछ अच्छा ही किया जाए।
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