बोले सो हो निहाल ! सत श्री अकाल !
पूज्यनीय "श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी" ,परम सत्कार जोग देहधारी गुरु- शिक्षकों ,मित्रो, शुभ चिंतकों ब्लोगर, फेसबुक मित्रों ,पाठकों अवं अनन्य स्नेही जनों, मुझे सूचित करते हुए अपार आनंद का अनुभव हो रहा है / मेरा एक काव्य संकलन "उदय शिखर "
आप लोगों के आशिश व स्नेह से सिक्त हो प्रकाशित हो चुका है / ख्यातिलब्ध हिंदी साहित्य संस्थान "कला मंदिर ,प्रकाशन दिल्ली " द्वारा पुस्तक को स्वरुप मिला है /
हम आभार ज्ञापित करते हैं , आदरणीय भूतपूर्व चेयरमैन ,उच्च शिक्षा आयोग, प्रोफ़ेसर प्रताप सिंह जी का, कला मंदिर ,सहयोगियों , स्नेहियों , परिजनों , आदरणीय साहित्य सृजन - धर्मियों , शुभ -चिंतकों का ,जिनके रस -सिक्त स्नेह आशीष ,मार्ग -दर्शन के बगैर संकलन संभव नहीं था / साहित्य को समर्पित करते हुए ,आपके हाथों में स्नेह - पुष्प आर्पित कर रहा हूँ ......आप अपना आशीर्वचन मुझ अकिंचन को देंगे, मुझे प्रतीक्षा के साथ विस्वास भी है /
तीन प्रकोष्ठों में संचित काव्य रश्मियाँ, साहित्य की तीन विधाओं में आकार लेती हुयी मुखरित हैं / अभिव्यक्ति को स्वर देने का प्रयास कितना सफल है ... आपका निर्णय सदा सिरोधार्य -
" छोड़ साहिल समंदर में आना ही था ,
घर बना लेंगे हम ,आँधियों में कहीं - "
प्रकाशन -
कला मंदिर
1687,नयी सड़क ,
दिल्ली -110006.
आपके आशीष प्रेम का आकांक्षी -
ph -09935646074
उदय वीरसिंह
गोरखपुर [ U.P ]
ph - o9450845340
16 टिप्पणियां:
बधाई, शुभकामनाएं।
दो दिनों के बाद दिल्ली जा रहा हूं। नई सड़क से इस संकलन को लाऊंगा। फिर विस्तृत विचार ,.....
बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें
उदय जी बहुत बहुत बधाइयाँ स्वीकारें इस खुश खबर पर. आगे भी इस तरह के अवसर आते रहें इश्वेर के आशीर्वाद से.
आदरणीया ,प्रबुद्धमना संगीता स्वरुप जी ,ज्ञानमती रचना जी , श्रीयुत डॉ मनोज कुमार साहब जी , कृतज्ञ हैं आपकी शुभकामनाओ से ,स्नेह से ....आभार
आपको बहुत बहुत शुभकामनायें। आँधियों में घर बनाने वाले सदा ही अभिभूत करते हैं मुझे। पुस्तक पढ़ने की उत्कण्ठा बनी रहेगी।
शुभकामनाएं |
सुन्दर प्रस्तुति ||
"उदय शिखर " के प्रकाशन पर बहुत बहुत बधाई और ढेर सारी शुभकामनायें....
हमारी भी बधाई और शुभकामनायें स्वीकार करें...
उदय वीर जी आपको बहुत बहुत बधाई और शुभ्कम्नेयं इस प्रकाशा पे ...
बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें !
बहुत-बहुत शुभकामनाएँ और बधाई!
साझा करने के लिए आभार!
आपकी पोस्ट कल 21/6/2012 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
कृपया पधारें
चर्चा - 917 :चर्चाकार-दिलबाग विर्क
BAHUT BAHUT BADHAI.......
bahut bahut shubhkamanayen
ਉਦੈਵੀਰ ਜੀ,
ਨਵੀਂ ਪੁਸਤਕ ਦੀਆਂ ਬਹੁਤ-ਬਹੁਤ ਵਧਾਈਆਂ !
ਹਰਦੀਪ
बधाई भाई जी...
शुभकामनायें !
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