उतरती बादलों की
सुरम्य गोंद से ,
तिरती ,लहराती
करती अठखेलियाँ ,
मंद मलय का सानिद्ध्य ,
स्वेत,लहरियां
अप्सराओं के मानिंद ,
लिपटी धवल धार,
प्रवाह में
चपला का प्रहरी ,
उद्घोष !
आगमन....
झिलमिल रश्मियों के,
सात आँचल ,
सप्त रंगों में सजे
तोरणद्वार से ....
अविस्मरनीय ,स्नेहिल परिमल संग
स्वागतम !
खुले ह्रदय ,कंठ ,
पुलकित नेत्र संतृप्त,
धरा के ,
करते आभार !
कोटरों से झांकते,खग,
नहाते आशीष देते
पल्लव ,जीव,जंतु,...
प्रकृति श्रृंगार करेगी ,
पुरुष अवतरित होगा ,
बनेंगे गीत ,
सृजनारम्भ होगा ,
कलरव का ,
कुमुद
का ....
उदय वीर सिंह
सुरम्य गोंद से ,
तिरती ,लहराती
करती अठखेलियाँ ,
मंद मलय का सानिद्ध्य ,
स्वेत,लहरियां
अप्सराओं के मानिंद ,
लिपटी धवल धार,
प्रवाह में
चपला का प्रहरी ,
उद्घोष !
आगमन....
झिलमिल रश्मियों के,
सात आँचल ,
सप्त रंगों में सजे
तोरणद्वार से ....
अविस्मरनीय ,स्नेहिल परिमल संग
स्वागतम !
खुले ह्रदय ,कंठ ,
पुलकित नेत्र संतृप्त,
धरा के ,
करते आभार !
कोटरों से झांकते,खग,
नहाते आशीष देते
पल्लव ,जीव,जंतु,...
प्रकृति श्रृंगार करेगी ,
पुरुष अवतरित होगा ,
बनेंगे गीत ,
सृजनारम्भ होगा ,
कलरव का ,
कुमुद
का ....
उदय वीर सिंह
11 टिप्पणियां:
सुन्दर चित्रण....
सादर
अनु
बहुत खूबसूरत शब्दों का चयन और उतनी ही खूबसूरत रचना
प्रकृति श्रृंगार करेगी ,
पुरुष अवतैत होगा ,
बनेंगे गीत ,
सृजनारम्भ होगा ,
कलरव का ,
नवीन कुमुद
का ....
बहुत सुंदर प्रस्तुति,,,,
RECENT POST...: राजनीति,तेरे रूप अनेक,...
क्या खूब...
सादर.
bahut khubsurat shabd chitran... abhar!
aapko follow karna pada....:)
जंगल में मंगल हुआ, हरा-भरा परिवेश।
वन की आभा दे रही, हमको ये सन्देश।
सुन्दर रचना ....
रमे प्रकृति में मधुर सुरम्या..
बहुत प्यारी रचना ...
शब्दों और भावों का सुंदर मेल।
बहुत ही खूबसूरत पंक्तियाँ .... सुंदर प्रस्तुति.
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