मित्रों ! विजयादशमी की अनंत मंगल कामनाएं l पवित्र -ग्रन्थ सद्दभाषित करते हैं" सत्यमेव जयते " जिसकी पुष्टि भी होती आई है l जो कायम रहे -
राम , रावन , विथियाँ हैं
राम, रावन संहिता
एक सृजन की मीत है,
पाप की एक, वाहिका-
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एक नदी है पावनी , प्राण
-जल , झर - झर बहे ,
मदिरा भरी, एक झील है,
हम ही हम ,निशिदिन कहे -
एक मधुर - रस , मंजरी
एक रुदन की मल्लिका-
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एक सुनामी अंक ले अतृप्त
मानस बिन ठाँव की,
एक कलश अमृत भरे,
प्रतिदान देती नाम की-
एक के वन पुष्प- पीयूष
एक के हिय कंटिका-
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न्याय की एक पाठशाला ,
अन्याय की एक मूल है,
एक जीवन की,प्राण- वायु
एक वेदना स्थूल है-
एक प्रज्ञा का, तख़्त है,
एक दुखों की , शायिका-
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एक है पथ ,खून - लतफत
एक डगर है, प्रेम की,
मानस एक अभिशप्त,वंचित
गेह है एक, नेह की -
एक अधर्म की पोषिका है
धर्म की एक रक्षिका-
- उदय वीर सिंह
3 टिप्पणियां:
विजयदशमी की शुभकामनाऐं
बहुत उम्दा सृजन,,,,
विजयादशमी की हादिक शुभकामनाये,,,
RECENT POST...: विजयादशमी,,,
दो पथ हैं ये दो,
और कभी जब टकराते ये,
हमें ज्ञात निष्कर्ष सभी।
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