शुक्रवार, 3 मई 2013

सरबजीत तुमसे ----


Photo: सरबजीत तुमसे ----


वीर !
बहुत पास थे लगा
कल आओगे -
आँखों में रहने वाले 
सितारों में जा बसे ,
चाहोगे कितना छिपना
फिर भी नजर नजर आओगे -
जब लड़खड़ायेंगे कदम फेरों में 
बहुत याद आओगे ....
मां फटे कुर्ते को तो सी लेगी
दिल को कैसे 
टांक पाओगे .....|
 
                --- उदय वीर सिंहसरबजीत तुमसे ----

वीर !
बहुत पास थे लगा
कल आओगे -
आँखों में रहने वाले
सितारों में जा बसे ,
चाहोगे कितना छिपना
फिर भी नजर  आओगे -
जब लड़खड़ायेंगे कदम फेरों में
बहुत याद आओगे ....
मां फटे कुर्ते को तो सी लेगी
दिल को कैसे
टांक पाओगे .....|

                 - उदय वीर सिंह

4 टिप्‍पणियां:

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

बेहतरीन बहुत ही सुंदर प्रस्तुति ,,,

RECENT POST: मधुशाला,

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

नम आँखें सोने न देंगी..

जयकृष्ण राय तुषार ने कहा…

भावुक करती एक सामयिक सन्दर्भ से जुड़ी अच्छी कविता |

प्रतिभा सक्सेना ने कहा…

तुमसे कुछ कह सकें वे शब्द कहां से लायें?