रविवार, 2 जून 2013

कौन्तेय तुम्हें कहना होगा .....





















कौन्तेय तुम्हें कहना होगा ..... 

मुझे जन्म मिले या मोक्ष इतर  

जब तक बसुधा पररहना होगा 
स्थान  दिया   यदि  कोख मुझे 
कौन्तेय   तुम्हें    कहना  होगा-   

ज्ञात   नहीं   अपराध   हमारा 
क्यों  जीवन    अभिशप्त  हुआ 
पल पल  भींगा है त्याज्य तेरा
हृदय    ज्वाल   में   दग्ध हुआ -

आ, त्याग   भव्य  प्रासादों को 
मेरे    झोपड़   में   रहना  होगा -

मैं   कह   सकूँगा ,तूं   मां  मेरी ,
तुम  पुत्र मुझे , एक बार  कहो ,
मैं    भी     तो   तेरा   जाया  हूँ 
अब  भरी  सभा स्वीकार करो -

ममता  - माया    दो   राहों  से 
कोई  एक   तुम्हें चुनना होगा-

तेरे  तो  पुत्र   अनेक, अनोखे   
मेरी   तो   एक    दुलारी   मां 
जो वैधव्य  तुम्हारे साथ नहीं 
तो  क्यों  संचित  लाचारी मां ? 

अपना     पक्ष      स्पष्ट   करो 
मेरा    भी       सुनना     होगा -

मिथ्या प्रलाप अतिशय प्रघोश 
किस   वेदन   को    हर  पाया 
तज ,   स्पंदन  संवेदनशीलता 
घर, किसी  हृदय में  कर पाया-

तूं छाँव  न दे  निज आँचल की 
पर अपमान मेरा  ढकना होगा -
कह अंत करो बिखरा प्रतिवेदन 
किस ज्वाल  मुझे जलना होगा -

मैं   सूत   पुत्र ?   या   राजपुत्र ?
या  देव  -  पुत्र  ?  कहना  होगा -

                               -  उदय वीर सिंह।        
  
  

            

7 टिप्‍पणियां:

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

तूं छाँव न दे निज आँचल की
पर अपमान मेरा ढकना होगा -
कह अंत करो बिखरा प्रतिवेदन
किस ज्वाल मुझे जलना होगा -
मैं सूत पुत्र ? या राजपुत्र ?
या देव - पुत्र ? कहना होगा -,,,

बहुत ही सुंदर उत्कृष्ट रचना,,,बधाई

recent post : ऐसी गजल गाता नही,

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

अभी कर्ण चरित्र पढ़ रहा हूँ, सच में वह चरित्र प्रभावित करता है।

yashoda Agrawal ने कहा…

कर्ण-विलाप

तूं छाँव न दे निज आँचल की
पर अपमान मेरा ढकना होगा -
कह अंत करो बिखरा प्रतिवेदन
किस ज्वाल मुझे जलना होगा -

मैं सूत पुत्र ? या राजपुत्र ?
या देव - पुत्र ? कहना होगा -

एक सच जिसे कोई न कह सका....
सादर

संध्या शर्मा ने कहा…

कर्ण की वेदना को व्यक्त करती भावमयी रचना...आभार

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

अच्छी रचना, बहुत सुंदर

ब्लॉग बुलेटिन ने कहा…

ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन कभी तो आदमी बन जाओ - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

रश्मि प्रभा... ने कहा…

वाह