रहा गुमनामियों में ताउम्र ना भूले भी किसी को याद आया मेरी रुखसती पर सबाब आया ख़त का जबाब आया - जब चला अंतिम सफ़र मितरां दौर-ए- फ़साना बहुत याद आया- -- उदय वीर सिंह
आपको यह बताते हुए हर्ष हो रहा है के आपकी यह विशेष रचना को आदर प्रदान करने हेतु हमने इसे आज ( २३ जून, २०१३, रविवार ) के ब्लॉग बुलेटिन - छह नीतियां पर स्थान दिया है | बहुत बहुत बधाई |
5 टिप्पणियां:
वाह, बहुत दमदार..
जब चला अंतिम सफ़र मितरां
दौर-ए- फ़साना बहुत याद आया-
....बहुत ख़ूबसूरत प्रस्तुति...
चलना कौन चाहता है जी!
आपको यह बताते हुए हर्ष हो रहा है के आपकी यह विशेष रचना को आदर प्रदान करने हेतु हमने इसे आज ( २३ जून, २०१३, रविवार ) के ब्लॉग बुलेटिन - छह नीतियां पर स्थान दिया है | बहुत बहुत बधाई |
उत्क्रुस्त , भावपूर्ण एवं सार्थक अभिव्यक्ति .
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