मंगलवार, 9 जुलाई 2013

पता बता देना -

वसीयत.  भेज  देंगे   हम
पता  बता देना -
लिखकर  के अपना  नाम
मेरा  मिटा  देना -
हवाओं पर लिखी है नज्म
उसे हटा देना ...
इकरार के वरक खाली हैं
हलफ़ उठा  लेना ...
घबराओ जब भी अंधेरों से
यादों के दीये जला लेना...
अश्क आयेगे जो याद आयेगी
आँचल में उन्हें छिपा लेना ....
जब भी मायूस तनहा हो ,
आईने में मुस्करा लेना ......|

                   -   उदय वीर सिंह 

3 टिप्‍पणियां:

Anupama Tripathi ने कहा…

gahan yadon me doobii ...sundar abhivyakti ...
shubhkamnayen ...

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

वाह, बहुत खूब

Unknown ने कहा…

वाह . बहुत उम्दा,सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति
कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |