गलियों में तेरी मैंने मकान ले लिया
अपने नाम तेरा सारा इल्जाम ले लिया -
पूछा किसी ने हमसे तेरा रकीब कौन
आया जुबाँ पहले तेरा नाम ले लिया -
तेरी हसीन गलियां खोया मेरा वजूद
माना सजा को मैंने ईनाम,ले लिया --
रांझे तेरी गलियां सोणी,सूनी कैसे होणी
हीर ने छेड़े गीत पायल तान ले लिया -
मेरा नसीब तूं तेरा साथ मेरा साया
बदले बहार के हमने तूफान ले लिया-
अपने नाम तेरा सारा इल्जाम ले लिया -
पूछा किसी ने हमसे तेरा रकीब कौन
आया जुबाँ पहले तेरा नाम ले लिया -
तेरी हसीन गलियां खोया मेरा वजूद
माना सजा को मैंने ईनाम,ले लिया --
रांझे तेरी गलियां सोणी,सूनी कैसे होणी
हीर ने छेड़े गीत पायल तान ले लिया -
मेरा नसीब तूं तेरा साथ मेरा साया
बदले बहार के हमने तूफान ले लिया-
- उदय वीर सिंह
4 टिप्पणियां:
उम्दा प्रस्तुति |
मेरी नई रचना:- "झारखण्ड की सैर"
बहुत सुन्दर उदय वीर जी |
नई पोस्ट महिषासुर बध (भाग तीन)
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वाह, बहुत खूब।
Nice.
आपका आभार .
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