नैन उनके भी नम थे ......
नैन उनके भी नम थे ......
कभी कह सकेंगे ज़माने को जाना
उल्फत भी जिन्दा, थी तेरे दम से -
निजामत तेरी थी, गुलशन भरा था
खुशियां ज्यादा ,गम कितने कम थे -
कोई जल गया कोई रुसवा हुआ भी
जब तुम चले नैन,उनके भी नम थे -
किसकी ख़ुशी थी, किसके सितम थे
सरमाया दिल के , बहारे चमन थे-
- उदय वीर सिंह .
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मन छूती पंक्तियाँ
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