शनिवार, 5 अक्तूबर 2013

जी ! आप बहुत अच्छे हैं

जी ! आप बहुत अच्छे हैं
इशारों में सबक देते हैं -

कभी देखी न जंग, रहे सिपहसालार
वक्त पर न  काम  आये  वो हथियार
वीरता की बैजयंती अनेकों सम्मान
म्यान  में  जंग  खाती  रही तलवार -

माहिर हैं पाने में पुरस्कार -
जी ! आप बहुत अच्छे हैं -

अभी तो जिश्म ,आबरू आचार बिका है
बेबसी विपन्नता लिए  लाचार  बिका है
आंसू व आवाज अब  कितने खामोश हैं
शरगोशियाँ हैं आज  समाचार  बिका है-

प्यार और जंग में सब जायज है
आप कहते हैं,जी ! आप बहुत अच्छे हैं
 
कितनी संजीदगी से बांटा है दिलों को
अब देश को बांटने पर  आप आमादा हैं
कितनी तरक्की  का हासिल है मुकाम
अब आप ही वजीर आप ही पियादा हैं -

झूठ कहते हैं लोग ,सिर्फ आप सच्चे हैं -
 जी ! आप बहुत अच्छे हैं

भूख भय भिन्नता पर कितना भरोषा है
छोरी-आवाम मजबूर उतनी करीब होगी
नजर जो नजर मिलाने की  कोशिश करे
जीतनी ऊपर उठी उतनी बदनसीब होगी -

वैसे नहीं हैं आप ,जैसा दिखते  हैं -
जी ! आप बहुत अच्छे हैं

         - उदय वीर सिंह

3 टिप्‍पणियां:

रविकर ने कहा…

सादर नमन -
नवरात्रि की मंगल कामनाएं

शकुन्‍तला शर्मा ने कहा…

सभी को " यस मैन " चाहिए ।

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

दिखने में तो सज्जन..