बुधवार, 18 जून 2014

मौन प्रतिविम्ब है ..



सहारा  में  सावन बरसता नहीं क्यूँ
आँखों  में  आंसू ,ठहरता  नहीं क्यूं -

नीर  कितने जनम  से ,ढ़ोती नदी है
ये सागर भी न जाने भरता नहीं क्यूँ -

मौन प्रतिविम्ब है   कहता नहीं  क्यूं
झील ठहरी हुई नीर बहता नहीं क्यूं -

प्रीत की रीत में कोई ढलता नहीं क्यूं
दर्द के  गांव  में कोई बसता नहीं क्यूं -

पीर किश्तों  में बढ़कर  हिमालय हुई
ये पर्वत  न  जानें  पिघलता नहीं  क्यूँ -

                             - उदय वीर सिंह







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