इश्क की रहमत मिली -
इश्क की रहमत मिली वो
आँखों का तारा हो गया -
बख्स दी जींद मांग ली कुछ
उलफत में गुजारा हो गया -
डूबा सूरज जब किसी का
अधेरा भी सहारा हो गया -
दम यौमें - सिकंदर डूबता है
दीये का उजारा रह गया-
मांगी जो उलफत दर - बदर
वो पीरे - मुकद्दर हो गया -
- उदय वीर सिंह
1 टिप्पणी:
बहुत सुंदर ।
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