बुधवार, 22 अक्तूबर 2014

हो आँख कोई ख्वाब होते हैं


हो आँख कोई ख्वाब होते हैं
हो सवाल कोई जवाब होते हैं- 

शर्म इतनी तो कायम है के
जनाजों के भी लिबास होते हैं -

उदय क्या पढ़ोगे चेहरों को
जिनके ऊपर नकाब होते हैं-

हँसते हैं बिंदास महफिलों मे
देखा अक्सर ,घरों में रोते हैं- 

छिनने वाले सुकून औरों के
ताउम्र बेहिसाब गम ढोते हैं -

उदय वीर सिंह

2 टिप्‍पणियां:

Neetu Singhal ने कहा…

जो दुखी दिखाई देते हैं वो सदैव सुखी रहते हैं, जो सुखी दिखाई देते हैं वे सदैव दुखी रहते हैं.....

और जो दिखाई ही नहीं देते वो .....? न दुखी रहते हैं न सुखी.....वो दुःख-सुख से परे होते हैं.....

Neetu Singhal ने कहा…

जो दुखी दिखाई देते हैं वो सदैव सुखी रहते हैं, जो सुखी दिखाई देते हैं वे सदैव दुखी रहते हैं.....

और जो दिखाई ही नहीं देते वो .....? न दुखी रहते हैं न सुखी.....वो दुःख-सुख से परे होते हैं.....