बुधवार, 1 अक्तूबर 2014

हो जख्मों से खाली जगह वो बता दो


हो जख्मों से खाली जगह वो बता दो
अपनों से रूठा वतन रो रहा है -
वो फरेबों से दामन सुनो भरने वालों
वतन को सुनो कुछ वतन कह रहा है -
बंटा क्या नहीं है कुछ तो बता दो
शोला ए नफरत वतन जल रहा है -
मंदिर मस्जिद गुरुद्वारों में रब ढूंढते हो
दिल का वासिन्दा बे घर हो रहा है -

उदय वीर सिंह

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