रविवार, 15 मार्च 2015

रास्ते सँकरे हुए आलिशान गाड़ियों के...

जब से इंसान से धनवान बनने लगे
टुकड़ों में धरती आसमान बंटने लगे -

रास्ते सँकरे हुए आलिशान गाड़ियों के
बाजू के रिहाईसी मकान गिरने लगे -

मखमलीदार झड़ियों का दौर आया के 
छायादार   फलदार पेड़ कटने लगे -

नुमायिशी रास्तों की तामीर में खुश हुए
मस्जिदो- मंदिर के बजूद मिटने लगे -

माँ तड़फती बिलबिलाते बच्चे भूख से
प्रतिष्ठा बढ़ी गोंद में कुत्ते पलने लगे -


उदय वीर सिंह

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