दो मत अपना प्यार भले
संवेदन को प्रतिकार न दो -
संवेदन को प्रतिकार न दो -
निर्मित निमित्त परिवर्तन
आवेदन का आभार न दो -
ज्वाल बने शीतल हिमनद
उस अग्नि को सहकार न दो -
कर्तव्य विमुख द्रोही जीवन का
पल्लव को संस्कार न दो -
जब म्यान सम्हल न पाती हो
उन हाथों में तलवार न दो -
वाणी में चाहे सूनापन दे दो
भाषा में व्यभिचार न दो -
उदय वीर सिंह
1 टिप्पणी:
bahut badhiya
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