गुरुवार, 13 अगस्त 2015

वांछित क्या है चयन कर लो ...

प्रज्ञा - परचम  अंबर लहराये
आधार स्तम्भ सृजन कर लो
जीवन -मृत्यु  अनुवंध खुले हैं
वांछित क्या है चयन कर लो -

पथ  पथरीले कंटक सज्जित
कुसुम -डार विस्थापित होगी
गंतव्य, मंचस्थ ऊंचे ठावों में
स्व अधिपत्य का प्रण कर लो -

मधुवंती का वर स्नेह होगा
दिवस देंगे शुभ-अवसर को
तप्त -ज्वाल  का वर्षण होगा
हिमवर्षण में भी गमन कर लो -


उदय वीर सिंह

1 टिप्पणी:

Unknown ने कहा…

बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी ...बेह्तरीन अभिव्यक्ति