मंगलवार, 25 अगस्त 2015

मुस्कराएगी कायनात तुमसे ---

आएगी निकल के मूरत जो संग तराशोगे -
आएगी चल मुकद्दर जो दर बना लोगे -
गुजर जाएंगे गमों शाम पल में 
मीत कोई गीत गुनगुना दोगे -
मुस्कराएगी कायनात तुमसे 
प्रीत जब मुस्करा दोगे -
नजर न आया हुनर दिखाई देगा 
पर्दा जब उठा दोगे -
प्यार को दिल में सँजोये रखना 
माँगेगा कल जमाना  तो क्या दोगे -
पाओगे मुक़द्दस दुआएं दिल की ,
अगर दुआ दोगे -

उदय वीर सिंह 


1 टिप्पणी:

रचना दीक्षित ने कहा…

सच ही है दुआ देने पर ही मिलेगी. किसी के लिया सच्चे मन से दुआ करो कभी तो वो भी तुम्हारे लिए दुआ करेगा