अनुत्तरित प्रश्नों का वो जवाब मांग लेती है
बड़े भारी मन से कुदरत शैलाब मांग लेती है -
***
जब नदी की सूरत एक नाली में सिमट रही
मजबूरन नदी अपना आकार मांग लेती है
भर जाता है शिगाफ़ों से बसुंधरा का आँचल
तंग हो बड़ी खामोशी से तेजाब मांग लेती है -
उदय वीर सिंह
जब रूठती है तो अपना हिसाब मांग लेती है
जब दामन दहकते अंगारों से भर जाता हैबड़े भारी मन से कुदरत शैलाब मांग लेती है -
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जब नदी की सूरत एक नाली में सिमट रही
मजबूरन नदी अपना आकार मांग लेती है
भर जाता है शिगाफ़ों से बसुंधरा का आँचल
तंग हो बड़ी खामोशी से तेजाब मांग लेती है -
उदय वीर सिंह
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