क्या लिखेंगे हम ,जो लिखा गया पहले
शिलाओं से क्या मिटाएँ मिटा गया पहले -
स्मृतियों में सँजोये रखा उसको अब तक
छोड़ कर हमको जो दूर चला गया पहले -
फरमाईशों के दौर में वो दर्द भी उकेरने हैं
मुख्तलिफ़ नहीं कुछ भी जो सुना गया पहले -
दरिया बने या मरुस्थल बेखौफ आंखे हैं
उड़ीक थी मसर्र्ती कदमों की रुला गया पहले -
उदय वीर सिंह ....
1 टिप्पणी:
महत प्रश्न है, क्या याद रखें, क्या लिखें।
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