गुरुवार, 17 मार्च 2016

किसान कहीं का ....

किसान कहीं का !
ले खेती का कर्ज 
चुकाता क्यों नहीं ?
तेरे दर्द परेशानियों से क्या लेना देना !
क्या अपने को मंत्री,
व माल्या समझता है
छोड़ देंगे और तू भाग जाएगा
ऊपर वाले के दरबार मेँ भी
अग्रिम अर्जी
लगा रखी है .....

उदय वीर सिंह

3 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

बिलकुल सही कहा

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (18-03-2016) को "दुनिया चमक-दमक की" (चर्चाअंक - 2285) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ

सु-मन (Suman Kapoor) ने कहा…

बहुत बढ़िया