आदर्श हमारे आयातित नहीं हो सकते
हम मुकम्मल हैं इतने हमारे फन हैं -
न स्टेलिन न हिटलर की सभ्यता माँगूँ
हमारे आदर्श हमारे गुरुओं के वचन हैं -
इस देश की मिट्टी पानी हवा अमृत है
प्रेम मानवीयता ही आँखों के अंजन हैं -
सुर-असुर अंध बीमार मानसिकता है
सदाचार व समानता हृदय के स्पंदन हैं -
उदय वीर सिंह
1 टिप्पणी:
बहुत ही सुन्दर और बेहतरीन प्रस्तुति, महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें।
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