शनिवार, 11 जून 2016

कहते हैं चिट्टी चादर विच दाग लग गया

आज रोटी मेँ मेरे कबाब लग गया
कहते हैं चिट्टी मेँ चादर दाग लग गया -

सौदा ही तो किया था भूखे बच्चों के जानिब
लंबरदारों को कितना ख़राब लग गया -

कहाँ थी जमाने को जश्नों से फुर्सत
बेचा किडनी तो पतझर मेँ फाग लग गया -

हमदर्द भी बहुत थे खामोशियों मेँ मेरी
मांगी मदद तो रुख हिजाब लग गया -

उदय वीर सिंह


2 टिप्‍पणियां:

Asha Joglekar ने कहा…

कहाँ थी जमाने को जश्नों से फुर्सत बेचा किडनी तो पतझर मेँ फाग लग गया -
हमदर्द भी बहुत थे खामोशियों मेँ मेरी मांगी मदद तो रुख हिजाब लग गया -


वाह, बहुत खूब।

Asha Joglekar ने कहा…

बहुत सुंदर। शायद चिट्टी चादर में दाग लग गया होना चाहिये।