दर्द कितना कहेगा दर्द को महसूस कीजिये
कुछ फर्ज हैं हमारे ,फर्ज महसूस कीजिये -
अहसान हैं कुछ हम पर आए खयाल जो
चुकाना भी है हमको कर्ज महसूस कीजिये -
सिर्फ तूफान ही नहीं हैं गुब्बार की वजह
हवाएँ भी हैं मुखालिफ गर्द महसूस कीजिये -
पहचान भी है मुश्किल अपने पराए की
अपना दिल भी नहीं हमदर्द महसूस कीजिये -
उदय वीर सिंह
कुछ फर्ज हैं हमारे ,फर्ज महसूस कीजिये -
अहसान हैं कुछ हम पर आए खयाल जो
चुकाना भी है हमको कर्ज महसूस कीजिये -
सिर्फ तूफान ही नहीं हैं गुब्बार की वजह
हवाएँ भी हैं मुखालिफ गर्द महसूस कीजिये -
पहचान भी है मुश्किल अपने पराए की
अपना दिल भी नहीं हमदर्द महसूस कीजिये -
उदय वीर सिंह
4 टिप्पणियां:
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरूवार (21-07-2016) को "खिलता सुमन गुलाब" (चर्चा अंक-2410) पर भी होगी।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आपकी लिखी रचना आज "पांच लिंकों का आनन्द में" गुरुवार 21 जुलाई 2016 को लिंक की गई है.... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
आपकी लिखी रचना आज "पांच लिंकों का आनन्द में" गुरुवार 21 जुलाई 2016 को लिंक की गई है.... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
बढ़िया
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