क्रंदन
चित्कार
हताशा निराशा
विकलता विपन्नता का
का कातर स्वर
क्या आपको सुनाई देता है
ये पीड़ा की
अभिव्यक्ति नहीं
प्रदर्शन ,विरोध भी नहीं
प्रतीकार भी नहीं
विवसता का उपजा संस्कार
मौन होने को
अहकती ध्वनि ढलने को ,
किसी शमशान से नहीं
तथाकथित इंसानी
बस्तियों से
आती है ..... ।
उदय वीर सिंह
चित्कार
हताशा निराशा
विकलता विपन्नता का
का कातर स्वर
क्या आपको सुनाई देता है
ये पीड़ा की
अभिव्यक्ति नहीं
प्रदर्शन ,विरोध भी नहीं
प्रतीकार भी नहीं
विवसता का उपजा संस्कार
मौन होने को
अहकती ध्वनि ढलने को ,
किसी शमशान से नहीं
तथाकथित इंसानी
बस्तियों से
आती है ..... ।
उदय वीर सिंह
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