जागो मशालों अब ....
जागो मशालों अब सहर होनी चाहिए
कहाँ आफताब है ,खबर होनी चाहिए -
कब तक सहारों पर बसर होगी जिंदगी
मंजिल की राहों पर नजर होनी चाहिए -
दूध वाली रोटी और खून वाली रोटी में
कौन सी हमारी है, कदर होनी चाहिए -
दुर्गंध आती वीर ठहरी हुई झीलों से
रुके हुए पानी में ,लहर होनी चाहिए -
उदय वीर सिंह
2 टिप्पणियां:
बहुर सुन्दर
बहुत सुंदर
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