रविवार, 8 जनवरी 2017

पर्वत सी शपथ

पर्वत सी शपथ  वादों के सागर 
ख्वाबों के तूफान जीने कब देते हैं -
पतझड के खंजर आघात कुटिल
देकर जख्मों को, सीने कब देते हैं -
मृग- मरीचिका की  देकर प्यास
स्वच्छ शीतल जल पीने कब देते हैं -
भरकर नैराश्य आतप जीवन में
दीपक आशा के जलने  कब देते हैं -

उदय वीर सिंह

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