जय होने क अर्थ नहीं
रण हारा सो हारा है -
हाथों को पतवार बना
सरिता के पार किनारा है
डूबा सूरज उगता कल
कल क साम्राज्य तुम्हारा है
खींच प्रत्यंचा शर संधान करो
धुन्ध के पीछे उजियारा है -
उदय वीर सिंह
रण हारा सो हारा है -
हाथों को पतवार बना
सरिता के पार किनारा है
डूबा सूरज उगता कल
कल क साम्राज्य तुम्हारा है
खींच प्रत्यंचा शर संधान करो
धुन्ध के पीछे उजियारा है -
उदय वीर सिंह
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