शनिवार, 9 सितंबर 2017

जो मौन है वो कौन है

जो मौन है वो कौन है
जो बोलता वो कौन है
हैं कुंन्द विचार ग्रंथियां
जो सोचता वो कौन है
घोर तिमिर मध्य में
चिंघाड़ना है दैन्यता
शांत चित्त बोध ले
पथ खोजता वो कौन है
छोड़ कर के युद्ध क्षेत्र
जो कभी गया नहीं
संकल्प करके बीच पथ से
लौटता वो कौन है
विनाश उत्सवों में है
प्रखर प्रलेख बन रहा
हृदय के तंतुओं को
तोड़ता वो कौन है -
करयोग्य हुई संवेदना
चुकाना हुआ हरहाल में
राष्ट्र प्रेम को भी धर्म से
तोलता वो कौन है
उदय वीर सिंह



6 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (10-09-2017) को "चमन का सिंगार करना चाहिए" (चर्चा अंक 2723) पर भी होगी।
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

Onkar ने कहा…

बहुत सुन्दर

Pammi singh'tripti' ने कहा…

आपकी लिखी रचना  "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 13 सितंबर 2017 को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!





......

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बहुत खूब ... कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न कड़ी करती भावपूर्ण रचना ...

'एकलव्य' ने कहा…

आपकी रचना बहुत ही सराहनीय है ,शुभकामनायें ,आभार
"एकलव्य"

Rajesh Kumar Rai ने कहा…

बहुत खूब आदरणीय ।