शुक्रवार, 10 नवंबर 2017

देश न पूछ परिंदों का ....

मत पुछो तुम जाति हमारी बाना मेरा काफी है
मत पूछो तुम भाषा मेरी गाना मेरा काफी है -
मत पूछों बादल बयार की सरहद रोक सकोगे उनको
कहते रुक जाएंगे सांसें तेरी रुक जाना मेरा काफी है -
देश पूछ परिंदों का घर मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे
भाषा बोली राग व्याकरण चहचहाना उनका काफी है -
बेदर्दों की दुनियाँ होगी कोई अपना संग होगा
पूछो आँसू प्यार के रंग संग होना ही काफी है -
उदय वीर सिंह


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