रविवार, 4 मार्च 2018

शिक्षाविद पत्थर तोड़ रहा .....



डाक्ट्रेट वनस्पति विज्ञान का
सफाई कर्मी की सतर में है
बी-टेक यम-टेक की नियति
पद चपरासी के सफर में है -
शिक्षाविद पत्थर तोड़ रहा
 ज्ञाता विधा विशेष गह्वर में है-
डिग्रीयों की भीड़ में संकल्प गुम
भूख अपनों के आँसू नजर में है
बदल गई परिभाषा ऊंची ऊंची सनद की
जीवन बिना शाख के शजर् में है -
बसंत की आश में बुन बिछाई चादरें
क्या पता की प्रारब्ध मेरा पतझर में है -
प्रवेश ,भर्ती का दंश इसbपार है
उस पार ख़ुदकुशी खबर में है -
उदय वीर सिंह

कोई टिप्पणी नहीं: