किससे मांगोगे दान
कर्ण सदा दुत्कारे जाते हैं
कोख का मौन गुरु समाज के श्राप
छल से शीश उतारे जाते हैं -
अर्जुन को आरक्षण विधि मान्य
गुण शौर्य सदा किनारे जाते हैं
किसका गाओगे विजय गान
अपनों से अपने मारे जाते हैं -
छल को स्थान रणनीति कहें
बल को ईश्वर का प्रतिरूप
न्याय उदासी करे प्रतीक्षा
जब सत्य शील विसारे जाते हैं -
उदय वीर सिंह
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