शनिवार, 30 मार्च 2019

शंकालु शमशीर कहे अब म्यान बदल लेते हैं


जिज्ञाषु की जिज्ञाषा कि ज्ञान बदल लेते हैं 
शंकालु शमशीर कहे अब म्यान बदल लेते हैं 
पाखंडी का दर्शन चोखा परिधान बदल लेते हैं 
लाश उठाये पीने वाले ,शमशान बदल लेते हैं -
अस्ताचल को जाते देख भगवान बदल लेते हैं 
संकट के घन छाये पंछी आसमान बदल लेते हैं 
परजीवी और उनके पैरोकार सदा आनंद में जीते
रिश्तों की बातें छोटी हिन्दुस्तान बदल लेते हैं
उदय वीर सिंह 
[ मित्रों सुधिजनों ! यह अभिव्यक्ति परोक्ष /अपरोक्ष किसी व्यक्ति,संस्था ,पंथ जाति ,धर्म से कोई सरोकार नहीं रखती ..इसे किसी से जोड़कर देखा जाय ]





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