लिख सकें तो वीरों का सम्मान लिखा जाये
धर्म जाति आस्था से पहले वलिदान लिखा जाये ,
राम -रहमान के मसले अपने घर
में रखें ,
लिखना है तो पहले हिन्दुस्तान लिखा जाये -
अब गमलों में देशी फूल नहीं लगते वीर
अंगरेजी घास से पहले खेत खलिहान लिखा जाए -
राष्ट्रवाद के छद्म आवरण में घृणा क्यों बोयें
लिखा जाये तो मानस में संविधान लिखा जाये -
उदय वीर सिंह
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