कायम रहने दो जिंदगी को
हर दिल में आग मत ढूढो-
हर डाली फूलो सुगंध की नहीं
हर बिरवे में पराग मत ढूंढो-
अपनी आँखों पर भरोषा चाहिए
हर अँधेरे में चिराग मत ढूंढो -
रौनके इल्हाम कम नहीं दुनियां में
वीर, प्रेम में वैराग्य मत ढूंढो-
सहरा होता ही है धूप की सल्तनत
चल सको तो चलो बाग़ मत ढूंढो-
नकाब नहीं इल्म पहनो नूर वालो
ख़िताबों के बीच खिताब मत ढूंढो-
उदय वीर सिंह
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