उन्नयन (UNNAYANA)
बुधवार, 6 नवंबर 2019
वही गरिमा हमारी है ....
बसे
अंतस
व
आँखों
में
,
वही
प्रतिमा
हमारी
है
-
जहाँ
तक
प्रीत
का
सूरज
,
वही
सीमा
हमारी
है
-
रचे
सम्मान
की
गाथा
,
वही
रचना
हमारी
है
-
चमन
में
हो
अमन
की
रीत
वही
गरिमा
हमारी
है
-
उदय
वीर
सिंह
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